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राजस्थान समाचार

यह राज्य सरकार इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये मुहैय्या करा रही है

यह राज्य सरकार इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये मुहैय्या करा रही है

मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना चालू की गई है। योजना के अंतर्ग महिलाओं को 1000 रुपये हर माह दिए जाएंगे। इससे महिलाऐं काफी समृद्ध हो सकेंगी। बतादें, कि राज्य सरकारें महिलाओं को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। महिलाओं को उनका अधिकार मिल पाए। इस संबंध में राज्य सरकारें निरंतर कदम उठाती रहती है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भी महिलाओं के लिए बड़ी कवायद की है। एक करोड़ से ज्यादा महिलाएं इस योजना के अंतर्गत जुड़ चुकी है। राज्य सरकार उन्हें सशक्त व मजबूत करने का कार्य कर रही हैं। हालांकि, इस योजना का फायदा चुनावी तौर पर भी जोड़कर देखा जा रहा है। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को समृद्ध और सशक्त बनाना ही पहली प्राथमिकता बताई जा रही है।

महिलाओं को प्रति माह मिलेंगे 1000 रुपये

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना जारी की है। योजना के अंतर्गत महिला आवेदकों को पंजीकरण करवाना जरुरी होगा। उसके बाद में संपूर्ण जांच पड़ताल करने के उपरांत महिलाओं के खाते में प्रति माह 1000 रुपये हस्तांतरित किए जाएंगे। महिलाओं को यह धनराशि 10 जून के उपरांत मिलनी चालू हो जाएगी।

पंजीकरण की अंतिम तिथि क्या है

लाडली योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन की तिथि 30 अप्रैल तक निर्धारित की गई है। आवेदकों की जांच कर उनका निराकरण 15 से 30 मई तक किया जाएगा। राज्य सरकार के अधिकारी योजना से जुड़ी समस्त जानकारी पोर्टल पर 31 मई तक प्रेषित कर दी जाएगी।

कितनी वर्षीय महिलाऐं इस योजना का फायदा उठा सकती हैं

जानकारी के लिए बतादें कि इस योजना का फायदा सिर्फ 23 से 60 साल तक की महिलाओं को प्राप्त हो पाएगा। परंतु, इस बात पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित रखना है, कि परिवार आयकर दाता नही होना चाहिए। साथ ही, उसके घर में चार पहिया वाहन भी नही होना चाहिए इसके अतिरिक्त बाकी नियमों का भी ध्यान रखा जाएगा। ये भी पढ़े: 3 लाख किसान महिलाओं के खाते में 54,000 करोड़ रुपये भेज किया आर्थिक सशक्तिकरण

योजना का फायदा लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

दस्तावेजों के लिए कुछ डॉक्यूमेंट भी अत्यंत जरुरी कर दिए गए हैं। इसके अंतर्गत पासबुक की फोटोकॉपी, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड की कॉपी एवं एक फोटो की भी आवश्यकता होगी। किसान राज्य सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने आप से भी अपलोड कर सकते हैं। कॉमन सर्विस सेंटर में भी पंजीकरण करवाया जा सकता है।
खजूर की खेती से किसानों की जिंदगी हुई खुशहाल

खजूर की खेती से किसानों की जिंदगी हुई खुशहाल

खजूर के पेड़ की आयु लगभग 80 वर्ष तक होती है। रेतीली मृदा पर इसका उत्पादन काफी ज्यादा बढ़ जाता है। यदि आप खजूर की खेती करने की योजना बना रहे हैं, तो सर्व प्रथम खेत में जलनिकासी की अच्छी तरह से व्यवस्था कर लें। राजस्थान एक रेगिस्तानी राज्य है। लोगों का मानना है, कि यहां पर केवल बालू ही बालू होती है। अन्य किसी भी फसल की खेती नहीं होती है। परंतु, ऐसी कोई बात नहीं है। राजस्थान में किसान सरसों, टमाटर, जीरा, गेहूं, मक्का और बाजरा समेत हरी सब्जियों की भी जमकर खेती करते हैं। परंतु, फिलहाल राजस्थान के किसानों ने विदेशी फसलों की भी खेती करनी शुरू कर दी है। इससे किसानों की काफी अच्छी आमदनी हो रही है। विशेष कर जालोर जनपद में किसानों ने अरब देशों का प्रशिद्ध फल खजूर की खेती चालू कर दी है। जनपद में बहुत सारे किसानों के पास खजूर के बाग लहलहा रहे हैं।

जालोर जिला टमाटर और ईसबगोल की खेती के लिए मशहूर है

पहले जालोर जनपद टमाटर और ईसबगोल की खेती के लिए जाना जाता था। लेकिन, वर्तमान में खजूर की खेती यहां की पहली पसंद बन चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अरब देशों और राजस्थान की मिट्टी और मौसम एक जैसा होने के चलते किसान टिश्यू कल्चर से खजूर की खेती कर रहे हैं। जालोर जिले के नादिया, वाटेरा और मोरसीम समेत कई गांवों में किसान खजूर की खेती कर रहे हैं। ये भी पढ़े: इस ड्राई फ्रूट की खेती से किसान कुछ समय में ही अच्छी आमदनी कर सकते हैं

खजूर का पेड़ कितने साल तक चलता है

खजूर के पेड़ की उम्र तकरीबन 80 साल होती है। बतादें कि रेतीली मृदा में इसका उत्पादन काफी बढ़ जाता है। यदि आप खजूर की खेती करने की योजना तैयार कर रहे हैं, आपको सबसे पहले खेत से जलनिकासी की उत्तम व्यवस्था कर लेनी चाहिए। अगर आपके खेत में जलभराव की स्थिति हो गई है, तो पैदावार प्रभावित हो सकती है। साथ ही, खजूर के पौधे एक-एक मीटर के फासले पर ही रोपे जाऐं। रोपाई करने से पहले गड्ढे खोद लें और गड्ढे में खाद के तौर पर गोबर ड़ाल दें।

खजूर के एक पेड़ से किसान कितनी पैदावार ले सकता है

एक एकड़ में 70 के आसपास खजूर के पौधों की रोपाई की जा सकती है। रोपाई करने के 3 साल पश्चात इसके पेड़ों पर फल आने चालू हो जाते हैं। कुछ वर्षों के पश्चात आप एक पेड़ से 100 किलो तक खजूर तोड़ सकते हैं। फिलहाल, मार्केट में खजूर 300 रुपये से लेकर 800 रुपये किलो तक बिक रहा है। इस प्रकार 7000 किलो खजूर बेचकर लाखों रुपए की आमदनी कर सकते हैं।
शरीर हेतु अत्यंत फायदेमंद खजूर की अब राजस्थान में भी पैदावार की जा रही है

शरीर हेतु अत्यंत फायदेमंद खजूर की अब राजस्थान में भी पैदावार की जा रही है

​देश में बिकने वाला अधिक मात्रा में खजूर खाड़ी देशों से आयात किया जाता है। यदि राजस्थान में जारी खजूर का यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो भविष्य में खजूर को आयात करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। कुछ साल पहले तक खजूर की पैदावार राजस्थान में संभव नहीं थी। परंतु, केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान काजरी के वैज्ञानिकों के प्रयास और स्थानीय किसानों के परिश्रम ने रेगिस्तान में बहार ला दी है। बतादें, कि पश्चिमी राजस्थान के चूरू और बीकानेर जैसे क्षेत्रों में लाल खजूर से लदे बहुत सारे बगीचे देखे जा सकते हैं।

खजूर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

राजस्थान के शुष्क और अर्धशुष्क क्षेत्र की जलवायु खजूर की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है। पश्चिमी राजस्थान में खजूर की खेती फिलहाल मशहूर हो रही है। खजूर की मौजूदा किस्म अतिशीघ्र पक जाती है। साथ ही, बारिश के मौसम में बाजार में होती है। खजूर की बागवानी करने वाले किसान बेहद प्रशन्न हैं। इस बार भी बेहतरीन उत्पादन है। लाल रंग के मीठे खजूर मुंह मांगी कीमतों पर बिक रहे हैं। भारत में बिकने वाला अधिकांश खजूर खाड़ी देशों से आयात किया जाता है। यदि राजस्थान में चल रहा खजूर का यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो आगामी दिनों में खजूर को आयात करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। 

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जानें खजूर की क्या-क्या खासियत होती हैं

राजस्थान के बाग के पके खजूर अपने पौष्टिक गुणों के लिए जाने जाते हैं। विशेष बात यह है, कि इसको किसी शीतगृह अथवा कारखाने में किसी रसायन या तकनीक से नहीं पकाया जाता। यह प्राकृतिक तौर पर पेड़ों पर पककर ही सीधे मंडी तक पहुंचता है। इस वजह से इस खजूर में पौष्टिक तत्वों की भरमार रहती है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि खजूर से दिल, पेट और नर्वस सिस्टम तो अच्छा रहता ही है, शरीर को भी बेहद ऊर्जा मिलती है। 

खजूर में विटामिन, मिनरल्स जैसे कई सारे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं

खजूर का सेवन करने से रोगों की रोकथाम होती है। खजूर के अंदर गेहूं, चावल जैसे बहुत सारे अनाजों की तुलना में ज्यादा कैलोरी पाई जाती हैं। साथ ही, शर्करा की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है। पेट को साफ रखने वाला फाइबर, बहुत सारी विटामिन, मिनरल्स, और भरपूर फोलिक एसिड आपके शरीर को तंदुरुस्त व सेहतमंद बनाए रखता है। 

खजूर पर नेटवर्क प्रोजेक्ट बीकानेर, जोधपुर और आनन्द में चल रहा है, जिसका परिणाम भी उत्साहजनक है। कृषक भाइयों के लिए इसकी बागवानी अच्छी है। आमदनी भी काफी हो जाती है। भारत के अंदर खजूर फल की अधिक खपत होने से आयात होता है। भारत में इसका क्षेत्रफल और उत्पादन बढ़ता है, तो आयात की जरूरत नहीं पड़ेगी।